Rangoli
रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक-कला है।
अलग अलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है
लेकिन इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है। इसकी यही
विशेषता इसे विविधता देती है और इसके विभिन्न आयामों को भी प्रदर्शित करती
है। इसे सामान्यतः त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव विवाह आदि शुभ अवसरों पर सूखे और प्राकृतिक रंगों से बनाया जाता है। इसमें साधारण ज्यामितिक आकार हो सकते हैं या फिर देवी देवताओं
की आकृतियाँ। इनका प्रयोजन सजावट और सुमंगल है। इन्हें प्रायः घर की
महिलाएँ बनाती हैं। विभिन्न अवसरों पर बनाई जाने वाली इन पारंपरिक
कलाकृतियों के विषय अवसर के अनुकूल अलग-अलग होते हैं। इसके लिए प्रयोग में
लाए जाने वाले पारंपरिक रंगों में पिसा हुआ सूखा या गीला चावल, सिंदूर, रोली,हल्दी, सूखा आटा
और अन्य प्राकृतिक रंगो का प्रयोग किया जाता है परन्तु अब रंगोली में
रासायनिक रंगों का प्रयोग भी होने लगा है। रंगोली को द्वार की देहरी, आँगन
के केंद्र और उत्सव के लिए निश्चित स्थान के बीच में या चारों ओर बनाया
जाता है। कभी-कभी इसे फूलों, लकड़ी या किसी अन्य वस्तु के बुरादे या चावल आदि अन्न से भी बनाया जाता है।
रंगोली
हिन्दू धर्म में आंगन या द्वार पर रंगोली बनाना बेहद शुभ माना जाता है और इसे घर की सुख-समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। दीपावली के मौके पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि दशहरे से लेकर दीपावली तक हर दिन घरों में द्वार पर रंगोली सजाई जाती है।
लेकिन इस का महत्व सिर्फ साज-सज्जा या धार्मिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक स्तर पर भी है। आप भी जानिए रंगोली बनाने के 5 फायदे -
3 एक्यूप्रेश के लिहाज से भी यह मुद्रा आपके स्वास्थ्य
के लिए बेहद प्रभावी है। यह आपको हाई ब्लडप्रेशर से बचाती है और मानसिक व
आत्मिक तौर पर शांति प्रदान करती है।
रंगोली
हिन्दू धर्म में आंगन या द्वार पर रंगोली बनाना बेहद शुभ माना जाता है और इसे घर की सुख-समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है। दीपावली के मौके पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। यही कारण है कि दशहरे से लेकर दीपावली तक हर दिन घरों में द्वार पर रंगोली सजाई जाती है।
लेकिन इस का महत्व सिर्फ साज-सज्जा या धार्मिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक स्तर पर भी है। आप भी जानिए रंगोली बनाने के 5 फायदे -
1 रंगोली बनाना एक कला है और जो लो कलाप्रिय हैं वे इसे
शौक से बनाते हैं। ऐसे में रंगोली बनाने का पहला बड़ा फायदा तो यह है कि आप
इसे बनाते समय बेहद सकारात्मक महसूस करते हैं और यह प्रक्रिया आपके तनाव
को छू मंतर कर देती है।
2 रंगोली बनाते समय आपकी अंगुली और अंगूठा मिलकर
ज्ञानमुद्रा बनाते हैं, जो आपके मस्तिष्क को ऊर्जावान और सक्रिय बनाने के
साथ-साथ बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg0tjF3OSl3xHw3LoYEYBEu50c79ZDWD7bMuNvhDq8sl-es_Kkjd1sNOlS09aVgoBhA4EnJqPw0rbfSyYCBlKAWFWLBEopSg-szMWjcqBPEn8uI-putae_PVaTPqis7V3SAzaamcH0VXTY/s320/IMG-20171018-WA0025.jpg)
4 रंगों के सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव को विज्ञान
और विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों ने माना है। जब आप रंगों के संपर्क में आते
हैं, तो इनसे उत्सर्जित ऊर्जा आप पर प्रभाव डालती है, जिससे कई तरह की
मानसिक और शारीरिक समस्याओं का इलाज संभव है।
5 विभिन्न रंगों और फूलों से बनाई गई रंगोली आपके घर और
आसपास के वातावरण में सकारात्मक उर्जा का संचार करती है, जिससे मन प्रसन्न
और वातावरण बेहद सकारात्मक होता है। इसका असर भी आपकी सेहत पर पड़ता है।
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